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रविवार, 22 दिसंबर 2019

उमरिया जिले में प्रदेश सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियां

उमरिया | 22-दिसम्बर-2019
 



 

     प्रदेश सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा संवेदनशील एवं पारदर्शी प्रशासन उपलव्ध कराने की दिशा में अनेकों कदम उठाये गये हैं। प्रदेश सरकार ने आम जनता की समस्याओं के निराकरण को सर्वाधिक प्रमुखता दी है। सरकार की मंशा है कि आम जनता को अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए जिला एवं तहसील स्तर के विभिन्न कार्यालयों के चक्कर नहीं काटने पडें। उनको पात्रता के अनुसार शासकीय योजनाओं का लाभ उनके घर एवं गांव में ही मिले। इसके लिए आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है।

आपकी सरकार आपके द्वार से ग्रामीणों को हुई सहुलियतें

प्रदेश सरकार ने नागरिको के व्यापक हित को दृष्टिगत रखते हुये आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम का आयोजन प्रारंभ किया है। जिले के दूरस्थ अंचल के जो ग्रामीण ब्लाक, तहसील एवं जिला स्तर पर स्थित कार्यलयों में नही आ सकतें और आने जाने में अनावश्यक अपव्यय भी होता है। इसे मददे नजर रखते हुये जिले में अब तक 9 बडे दूरस्थ गांवों में आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमे 364 आवेदन प्राप्त हुये उन्हे पंजीकृत कर प्राथमिकता के आधार पर निराकरण किया जा रहा है।
    आपकी सरकार आपके द्वार में जनप्रतिनिधि, कलेक्टर सहित जिला एवं खण्ड स्तरीय अधिकारी पहुच कर ग्रामीणों से खुल कर सामने आकर समस्यां रखने का आव्हान करते है। और  उनकी जो भी समस्यायें है, उनका आवेदन पत्र प्राप्त कर निराकरण की दिशा में ठोस पहल करते है। अब ग्रामीण बेहिचक अपनी समस्याओ को अवगत कराने की ओर अग्रसर हुये है। जिसके सार्थक परिणाम भी सामने आ रहे है।
  इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाली जनता की शिकायतों को प्राप्त कर उनका निराकरण करने, कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की मानीटरिंग करने हेतु जिला प्रशासन द्वारा ग्रीष्मकाल में ग्राम संपर्क अभियान तथा दिसबंर माह में जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पूरे जिले को 54 सेक्टर में विभाजित कर जिला एवं खण्ड स्तरीय अधिकारियों की डियुटी लगायी गयी। जो निर्धारित दिनों में निर्धारित ग्रामों में आम जनता से सीधा संवाद स्थापित कर उनकी समस्यायें प्राप्त करते हैं तथा संवंधित विभाग को समस्याएं भेजकर निराकरण कराते हैं। इस प्रयास से जहां योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन को गति मिली है, वहीं मैदानी अमला के कार्यों में दक्षता आयी है। अभियान के माध्यम से प्राप्त फीड बैक के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा आवश्यक दिशा निर्देश देकर विभागीय गतिविधियों की मानीटरिंग सुनिश्चित की जा रही है। अभियान के परिणाम का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 3400 नये पेंशनधारियों के नाम जोडे गये जो अभी तक लाभ से वंचित थे। 
उमरिया जिले में सीएम हेल्प लाईन के अंतर्गत विभिन्न विभागों में एक वर्ष में कुल 2378 शिकायतों का निराकरण सतुष्टि के साथ किया गया है। जिसमें लेवल 1 स्तर पर 729, लेवल 2 स्तर पर 221, लेवल 3 स्तर पर 302 एवं लेवल 4 स्तर पर 1126 श्किायतो का निराकरण कर नागरिको को समय सीमा में सुविधाये मुहिया कराई गई है। उमरिया जिले ने  विगत 6 महीनो से प्रदेश में अण्डर 5 मे अपना स्थान बनाकर संवेदनशील प्रशासन का परिचय दिया है।

जय किसान फसल ऋण माफी योजना

किसानों को ऋण-मुक्त कर समृद्ध बनाने के लिए हुए क्रांतिकारी फैसले
प्रदेश की कृषि प्रधान अर्थ-व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिये जरूरी है कि किसान चिन्ता-मुक्त हो, उसके पास आमदनी के स्थाई इंतजाम हो और उसे समय पर आवश्यक वित्तीय सहयोग भी मिले। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार ने इस शाश्वत सत्य को सिर्फ स्वीकार ही नहीं किया है बल्कि अपने प्रारंभिक अल्प-काल में ही इस दिशा में क्रांतिकारी फैसले लिये हैं और उन्हे जमीनी स्तर पर लागू भी किया है। सरकार ने अपने वचन-पत्र में किसान कल्याण और कृषि विकास के मुद्दों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। सरकार ने सत्ता संभालते ही किसानों को कर्जो से मुक्ति दिलाई है। साथ ही यह क्रम तब तक जारी रखने का संकल्प भी लिया है, जब तक प्रत्येक पात्र किसान कर्ज-मुक्त नहीं हो जाता। किसान को फसल बोने से लेकर फसल बेचने तक के काम में राज्य सरकार मदद कर रही है। बिजली, पानी आदि भी किसानों को रियायती दरों पर दिया जा रहा है।

जय किसान फसल ऋण माफी योजना

प्रदेश में जय किसान फसल ऋण माफी योजना लागू कर किसानों को ऋण-मुक्त करने का अभियान चलाया गया है। पहले चरण में 11117 कृषक खातेदारो के लिये 27.11 करोड रूपये स्वीकृत किये गये थे जिसमें 10781 खातेदारो को 18.73 करोड रूपये का भुगतान किया जा चुका है। किसानों के चेहरे में कर्ज की जो लकीरें झलकती थी, वह मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना से खुशहाली में तबदील हुई है।

जय किसान समृद्धि योजना

प्रदेश में 5 मार्च 2019 को जय किसान समृद्धि योजना लागू की गई है। इस योजना में रबी सीजन 2019-20 के लिए कृषि उपज मंडी और ई-उर्पाजन केंद्र के माध्यम से किसान द्वारा विक्रय किये गये गेहूँ पर 160 रूपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।

कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिये शुद्ध के लिए युद्ध

राज्य सरकार ने कृषि के क्षेत्र में विरासत में मिली बदहाल स्थिति को समृद्धता की ओर ले जाने का निश्चय किया है। किसानों को हर कदम पर हर तरह की मदद मुहैया कराई जा रही है। गुणवत्तापूर्ण खाद, बीज और कीटनाशक की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान न सिर्फ बीज, उर्वरक और कीटनाशक के मानक स्तर का परीक्षण किया जा रहा है बल्कि कम मात्रा में सामग्री विक्रय, अनाधिकृत विक्रय, कालाबाजारी, अधिक मूल्य पर विक्रय आदि पर भी गंभीरता से कार्यवाही की जा रही है।

किसानों को सस्ती बिजली

प्रदेश में किसानों के लिये दस हॉर्स पॉवर तक के कृषि पंप की विद्युत दरों को आधा कर दिया गया है। पूर्व मे निर्धारित 1400 रूपये प्रति हॉर्स पॉवर प्रतिवर्ष कृषि पंप की विद्युत दर को अब आधा कर 700 रूपये कर दिया गया है।

अजजा अजा किसानों को निशुल्क बिजली

प्रदेश में अब एक हेक्टेयर तक की भूमि वाले अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को 5 हार्सपॉवर तक के कृषि पंप कनेक्शनों के लिये निःशुल्क बिजली दी जा रही है। इसके एवज में राज्य सरकार बिजली कंपनियों को 3800 करोड़ रूपये वार्षिक सब्सिडी देगी। 

खरीफ फसलों के लिये किसानो का पंजीयन

उमरिया जिले में वर्ष 2019-20 में खरीफ फसलो के उपार्जन हेतु 29 केन्द्र बनाये गये है। जिसमें धान के लिये 13043 कृषको के 21648 हे. रकवे का पंजीयन मक्का के लिये 823 कृषको का 126 हे., सोयबीन के लिये 74 कृषको का 65 हे., तिल के लिये 731 कृषको का 355 हे., रामतिल के लिये 4 कृषको का 3 हे., उडद के 542 कृषकों का 248 हे. रकवे का पंजीयन किया जा कर धान खरीदी केन्द्रों में उपार्जन किया जा रहा है ताकि उन्हें उनकी उपज का सही दाम मिल सकें और वे बिचौलियों से बच सकें।
    प्रदेश सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 1815 रू प्रति क्वि., ज्वार का 2550 रू. तथा बाजरा का समर्थन मूल्य 2 हजार रूप्ये प्रति क्वि. निर्धारित किया है।
    जिले में. रवि फसलों के लिये उर्वरकों का पर्याप्त भण्डारण किया गया है जिसमें. 6678 मैट्रिक टन विभिन्न रासायनिक खाद भण्डारित की जाकर अब तक 4280 मिट्रिक टन का वितरण कृषकों को किया गया है। इसी प्रकार रवि बीज 8285.40 क्वि. का भण्डारण कर 7088.40 क्वि. कृषको को वितरित किया गया।

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग

मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना के तहत एक लाख 32 हजार 239 परिवारों के 5 लाख 60 हजार 697 सदस्यों को प्रति माह सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सस्ते दर पर खाद्यान्नउपलब्ध कराया जा रहा है। जिले में वर्ष 2019-20 में ई उपार्जन योजना अंतर्गत समर्थन मूल्य पर 9078 किसानों को 34059 मी. टन का उपार्जन समर्थन मूल्य पर 9212 किसानों से 86436 मी0 टन धान का उपार्जन किया गया हैं।

अनुसूचित जन जाति विभाग

जिले मे अनुसूचित जन जाति विभाग द्वारा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के तहत  555 विद्यार्थियों को 58.32 लाख रू., आश्रम शिष्य वृत्ति के तहत 1040 विद्यार्थियों को 105 लाख रू., जूनियर छात्रावास शिष्य वृत्ति योजना के तहत 75 विद्यार्थियों को 8.55 लाख रू., सीनियर छात्रावास शिष्य वृत्ति योजना के तहत 1400 विद्यार्थियों को 144.19 लाख रूपये, विद्यार्थी कल्याण योजना के तहत 53 विद्यार्थियों को 7.12 लाख रूपये, उच्चतर माध्यमिक शालाओं में पुस्तकालय की स्थापना हेतु 13 विद्यालयों को 6.5 लाख रूपये, आवास सहायता योजना के तहत 88 विद्यार्थियों को 11.22 लाख रूपये, विशेष पिछडी जन जातियों हेतु आहार अनुदान के तहत 21 हजार 132 हितग्राहियों को 422.64 लाख रूपये व्यय किए गए।
जिले में दो कन्या शिक्षा परिसर संचालित है।राष्ट्रीय एकलव्य विद्यालय प्रतियोगिता में उमरिया जिले के पाली जनपद में संचालित एक लव्य विद्यालय के विद्यार्थियों ने कराते प्रतियोगिता में 4 स्वर्ण तथा एक रजत पदक एवं हाकी प्रतियोगिता में 14 वर्ष की आयु वर्ग में स्वर्ण पदक तथा 19 वर्ष आयु वर्ग मे रजत पदक प्राप्त कर विद्यालय एवं जिले का गौरव बढाया है।
15 अगस्त से मुख्यमंत्री मदद योजना लागू

हितग्राहियो को 25 हजार रूपये की मदद

मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने अपने वचन पत्र का पालन करते हुये 15 अगस्त 2019 से मुख्यमुत्री मदद योजना प्रदेश के सभी 89 अदिवासी विकास खण्डों में लागू की है। उमरिया जिले के आदिवासी विकासखण्ड पाली के 102 परिवार के मुखिया हितग्राहियों को 25-25 हजार रूपये की राशि बर्तन क्रय करने के लिये प्रदाय की जा चूकी है। अब उन्हें खाना बनाने और खाने के लिये बर्तनों की कमी नही रहेगी। वे भी समाज के समान्य वर्गों की अपने घरों में अच्छे बर्तन मेंं खान पान कर सकेंगें।
बैगा परिवारों की महिलाओ को कुपोषण से मुक्ति हेतु आहार अनुदान योजना
बैगा परिवार की महिलाओ को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिये बैगा महिला मुखिया को 1 हजार रूपयंे प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है ताकि वे उस राशि से वे खाने के लिये पौषटिक आहार ले सकें। जिले में 21132 महिलाओं का चयन कर उन्हें 1 हजार रूपये प्रतिमाह भुगतान किया जा रहा है। आहार योजना के अंतर्गत अब तक 46 करोड 49 लाख 4 हजार रूपये व्यय किया गया है।

महिलाओ के लिये संबल बनी मातृ वंदना योजना

गरीब परिवार की महिलओ को आज भी अल्प पोषण प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है। महिलाये अल्प पोषित तथा रक्ताल्पता से पीडित है। अल्प पाकषित मातायें अधिकांशतः कम वजन वाले शिशुओं को जन्म देती है। जब कुपोषण गर्भाशय में ही शुरू हो जाता है तो यह पुरे जीवन चक्र में चलते रहता है और ज्यादातर अपरिवर्तनिय होते है।    
    आर्थिक एवं सामाजिक तंगी के कारण कई महिलाये अपनी गर्भावस्था के अखिरी दिनों तक अपने परिवार के लिये जीविका करना जारी रखती है। इसके अलावा वे बच्चो को जन्म देने के बा वक्त से पहले काम करना शुरू कर देती है जबकि उनका शरीर इसके लिये तैयार नही होता। इस प्रकार वे एक तरफ अपने शरीर को पूरी तरह स्वास्थ होने से रोकती है। और पहले 6 माह में अपने नव निहालो को अन्नय स्तनपान कराने की अपनी सामर्थ में भी बाधा पहुचांती हैं।
    मातृ वंदना योजना के अंतर्गत जिले में इस वर्ष 3905 गर्भवती महिलाओ को 5-5 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदाय की गई है जिसमें गर्भधारण के पश्चात पंजीयन कराने पर 1 हजार रूपये, गर्भावस्था के 6 माह के बाद और कम से कम प्रसव पूर्व पहली जांच पर 2 हजार रूपये तथा शिशु के जन्म और टीकाकरण के प्रथम चक्र पर 2 हजार रूपये शमिल है। संस्थागत प्रसव की स्थिती में गर्भवती महिला जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत लाभ के लिये दावा कर सकती है। लाडली लक्ष्मी योजना के तहत जिले में 1874 लाडलियों को योजना का लाभ दिया गया।

उच्च शिक्षा

गांव की बेटी योजना के तहत 99छात्राओ को प्रतिभा किरण योजना के तहत 3 विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। इसी तरह पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत 725 विद्यार्थियों को एवं आवास सहायता योजना के तहत 47 विद्यार्थियो को लाभान्वित किया गया।

मत्स्य पालन विभाग

जिले में 59 किसानों को मत्स्य पालन का प्रशिक्षण दिया गया। विगत एक वर्ष में 4720 मत्स्य पालकों का दुर्घटना बीमा कराया गया। जिले में दो मछुआ सहकारी संस्थाएं संचालित हैं।

पशु पालन विभाग

वत्स पालन योजना के तहत 57 हितग्राहियों को समुन्नति पशु प्रजनन कार्यक्रम के तहत 31 हितग्राहियो को नंदी शाला योजना के तहत 29 हितग्राहियो को आचार्य विद्यालय सागर गौ संवर्धन योजना के तहत 10 हितग्राहियों को बैंक ऋण एवं अनुदान पर बकरी इकाई का लाभ 17 हितग्राहियों को बैकयार्ड कुक्कुट इकाई 315 हितग्राहियों को इस प्रकार 409 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया।
  बच्चों को दागने की प्रथा से मुक्ति दिलाने हेतु संजीवनी अभियान का संचालन
आदिवासी बाहुल्य जिला उमरिया में आज भी आदिवासी समाज अपनी परम्परागत आदिवासी मूल्यों परम्पराओं मान्यताओं के आधार पर अपना जीवन यापन कर रहे है। दूरस्थ आदिवासी अंजलों के आदिवासी परिवारों में आज भी कई प्रकार की कुरीतियॉं अंधविश्वास व कुप्रथाए जीवन्त है। इन्ही में से एक ऐसी परम्परा जिसमें छोटे बच्चों को बीमारी से निजात दिलाने कुपोषण दूर करने व बीमारियों का इलाज लोहे की गर्म सलाखों से दागकर भी किया जाता है। मई माह में विकासखण्ड पाली में ऐसी ही एक भयावह घटना जिले के संज्ञान में आयी। उक्त स्थिति को ध्यान में रखकर जिले में दागना प्रथा के उन्मूलन हेतु ''ऑपरेशन सजीवनी'' को धरातल पर उतारा गया। सर्वप्रथम महिला एवं बाल विकास विभाग के मैदानी अमले द्वारा प्रत्येक ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे कराकर ऐसे बच्चों का आंकडां जुटाया गया साथ ही आंगनवाडी केन्द्रों में चिन्हित 0 से 06 वर्ष तक के बच्चों की निगरानी प्रारंभ की गई। आंगनवाडी के सहयोग हेतु ग्रामीण विकास विभाग एवं स्कूल शिक्षा विभाग को इस अभियान के साथ जोडा गया।
प्रारंभिक सर्वे से प्राप्त आंकडे़
क्र    परियोजना का नाम    आंगनवाडी केन्द्रों की संख्या    दागे गये बच्चों की संख्या    रिमार्क
1    उमरिया क्र.01    195    111   
2    उमरिया क्र.02    139    175   
3    मानपुर    247    257   
4    पाली    182    129   
कुल योग    763    672   
सर्वे में प्राप्त आंकडे न केवल जिले को चौकाने वाले थे बल्कि उक्त कुप्रथा को समाप्त करने के लिये नई रणनीति बनाने हेतु प्रेरणादायी भी थी।
रणनीति
सर्वप्रथम जिला प्रशासन द्वारा ऑपरेशन संजीवनी के अंतर्गत दागना कुप्रथा के खिलाफ दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (1) के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुये प्रतिबंधात्मक निषेधाज्ञा दिनांक 04.05.2019 को जारी की गई।                       
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी जिला उमरिया द्वारा इस कुप्रथा पर नियंत्रण हेतु पुलिस अधीक्षक जिला उमरिया को दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 107/116(3) के अंतर्गत संबंधितों के विरूद्व कार्यवाही हेतु कार्यालयीन पत्र क्र/आरडीएम/2019/1787 दिनांक 08.05.2019 को पत्र लिखा गया।   
ऑपरेशन संजीवनी के दौरान ही ग्राम जमुनारा (ताला) में दागने का प्रकरण संज्ञान में आने पर जिला प्रशासन एवं विभाग द्वारा त्वरित कार्यवाही करते हुये दागने की कार्यवाही करने वालों के विरूद्व थाना मानपुर में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी उक्त प्राथमिकी को समाचार पत्रों के माध्यम से तथा प्रत्येक जागरूकता कार्यक्रम में आमजन को बताया गया। इसका लाभ यह हुआ कि उक्त घटना के बाद आज दिनांक तक दागने का कोई नया प्रकरण सामने नहीं आया है।
दागना प्रथा के उन्मूलन हेतु ऑपरेशन संजीवनी के अंतर्गत जनपद वार पंचायतों को 23 क्लस्टरों में विभाजित कर प्रत्येक क्लस्टर में एक नोडल अधिकारी (जिला स्तरीय विभागीय अधिकारी) कि नियुक्ति की गई जिन्होंनें क्लस्टर में आने वाली पंचायतों में दागना कुप्रथा के बारे में लोगों को अवगत कराया एवं इस कुप्रथा को समाप्त करने हेतु शपथ दिलायी गयी।
बडी पंचायतों हाट बाजार स्थलों में जिले के अधिकारियों के साथ आयोजित होने वाली प्रत्येक जन चौपाल, लोक कल्याण शिविर में विशेष रूप से ग्रामीणों, आदिवासी मुखियाओं तथा समाज के अन्य प्रभावशाली लोंगों के मध्य दागना कुप्रथा के उन्मूलन हेतु विस्तारपूर्वक चर्चा कर समझाइस दी गई और सभी को इसके खिलाफ कार्य करने के लिये प्रेरित किया गया।



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