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शनिवार, 21 दिसंबर 2019

वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण कर जैविक खाद में स्वालम्बी बने रामचन्द्र "खुशियों की दास्ताँ"

शाजापुर | 21-दिसम्बर-2019
 



 

 

 




    शाजापुर जिले के ग्राम घुन्सी निवासी कृषक श्री रामचन्द्र गोठी पिता श्री जालम सिंह वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण कर जैविक खाद में स्वावलंबी बने है।
    कृषक श्री रामचन्द्र ने बताया कि वे विगत कई वर्षो से परम्परागत तरीके से सोयाबीन, चना, एवं गेहूं आदि की फसल उगाकर जीवन यापन करता थे। फसल में खरपतवार की समस्या एवं रासायनिक उर्वरक का उपयोग करने के कारण उत्पादन लागत अधिक हो रही थी एवं भूमि की भौतिक दशा खराब होने के कारण उत्पादन भी कम हो रहा था, जिससें उन्हें फसल उत्पादन कम मिलता था। प्रति हेक्टेयर लागत अधिक एवं कम उत्पादन के कारण खेती नुकसान का व्यवसाय बन रहा था।
    इसी क्रम में उन्हें आत्मा योजनान्तर्गत श्री रामचन्द्र को राज्य के बाहर कृषक प्रषिक्षण पर जाने का अवसर मिला, जिसमें वे गुजरात के विभिन्न संस्थानो पर चल रही अनुसंधान गतिविधियो से अवगत हुए एवं गुजरात के प्रगतिषील कृषकों द्वारा जल की महत्ता पर प्रकाश डाला और रासायनिक उर्वरको के प्रयोग से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में बताया। रामचन्द्र ने बताया कि उन्हें प्रशिक्षण में वर्मी कम्पोस्ट के महत्व, वर्मीकम्पोस्ट पिट को भरना एवं वर्मीवाश निर्माण आदि के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी, जिससे प्रभावित होकर उन्होंने अपने खेत पर वर्मी कम्पोस्ट पिट का निर्माण कराया, जिससे प्राप्त खाद का उपयोग वे सोयाबीन, चना, एवं गेहू की फसलों के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों में जैसे प्याज, लहसुन एवं आलू की फसलों में किया, जिससे उनकी उत्पादन लागत कम होने के साथ ही उत्पादन भी अपेक्षाकृत अधिक प्राप्त हुआ एवं अतिरिक्त लाभ प्राप्त होने लगा। वर्मी कम्पोस्ट खाद एवं जैविक खाद का उपयोग करने से भूमि की भौतिक दशा में सुधार के साथ-साथ उत्पादन में भी वृद्धि हुई।
    श्री रामचन्द्र सभी किसान भाईयों को सलाह देते हैं कि वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण कर जैविक खाद में स्वावलंबी बने।




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