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बुधवार, 22 जनवरी 2020

महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रहा शारदा महिला बचत स्व सहायता समूह (खुशियों की दास्तां)

कटनी | 


 

 

 


   


  

  कटनी जिले की औद्योगिक नगरी कैमोर में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए शारदा महिला बचत स्वसहायता समूह संतोषी माता मंदिर पनिहाई ने एक सराहनीय पहल की है। महिलाओं को स्वरोजगार और स्वावलंबी बनाने के लिए मशरूम की खेती की शुरुआत समूह द्वारा की गई है। महिला बचत स्वसहायता समूह की अध्यक्ष लक्ष्मी बर्मन ने बताया जबलपुर में ओएमओ एनजीओ के माध्यम से खेती करने की ट्रेनिंग ली। जिसमें बताया गया कि भूसे में केमिकल मिलाकर काली त्रिपाल में ढक कर 5 से 6 दिन रखते हैं, उसके बाद थैली में बारीक छोटे-छोटे छिद्र कर केमिकल युक्त भूसे की एक परत थैली में भरते हैं उसके बाद मशरूम के बीज डालते हैं। फिर दूसरी परत केमिकल युक्त भूसे की भरते हैं, फिर उसमें मशरूम के बीज डालते हैं। इस तरह 4 परत लगाने के बाद थैली को पैक कर दिया जाता है। इसको प्रकाश से 20 दिन बचाते है, फिर थेली लटका देते हैं एवं मशरूम की खेती के लिए स्वच्छता का विशेष ध्यान देना पड़ता है। इस कार्य में थोड़ी सी मेहनत से मशरूम की अच्छी खेती होती है और बाजार में इसकी अच्छी खासी कीमत मिलती है। खेती के बाद निकलने वाला भूसा खाद बन जाता है, जिसे हम जेविक खेती में उपयोग कर सकते हैं।
             मशरूम विटामिन को बढ़ाने का मुख्य स्रोत है, यह विटामिन बी, सी, डी की वृद्धि करता है। मशरूम के उपयोग से त्वचा संबंधी रोगों से भी मुक्ति मिलती है। यह कैलोरी, वसा मुक्त होता है। मशरूम के उपयोग से केलेस्टाल भी कम होता है, बीपी कंट्रोल करता है और भी तरह-तरह की बीमारियों में भी इसका उपयोग करने से लाभ मिलता है। शारदा स्व सहायता समूह के अध्यक्ष लक्ष्मी बर्मन और सचिव सुनीता बर्मन, सदस्य रजनी बर्मन, चंद्र बर्मन, संगीता बर्मन, प्रिया दल बर्मन, सुनीता चोहत, दीपा चोहत की मेहनत ने यह सिद्ध कर दिया है कि यदि सच्ची निष्ठा और लगन से काम किया जाये, तो सफलता अवश्य मिलती है। कोई भी काम असंभव नहीं होता है।





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